अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ‘Old is Gold’ के तहत प्रदर्शित पुरानी चीजों ने याद दिलाई भारतीय इतिहास की सुंदरता और तकनीकी विकास की यात्रा!

पुरानी चीजें, जैसे कि टेलीविजन, रेडियो, टेलीफोन, आयरन, और अन्य घरेलू सामान, न केवल भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्से रहे हैं, बल्कि इनसे जुड़ी यादें और किस्से हमें हमारे अतीत की सादगी और तकनीकी प्रगति की ओर ले जाते हैं। इन वस्तुओं ने हमारे जीवन में एक समय पर अहम भूमिका निभाई थी और हमें उस दौर की जीवनशैली, रिश्तों और संवाद के तरीकों का अहसास दिलाया।

पुराना टेलीविजन, जो एक समय में परिवारों की बैठक का केंद्र हुआ करता था, वह आज के डिजिटल युग में भी हमारी यादों में बस गया है। वहीं, पुराने रेडियो ने अपने गीतों और समाचारों से हम सभी को जोड़ने का कार्य किया। पुराने टेलीफोन ने संवाद की सरलता और मित्रों-परिवार से जुड़ने की भावना को जीवित रखा। और पुराना आयरन, जो गर्म होने में समय लेता था, वह न केवल हमें हमारे रोज़मर्रा के कार्यों की याद दिलाता है, बल्कि हमारे जीवन के सरल लेकिन सशक्त दिनों की भी याद दिलाता है।

इन पुराने सामानों ने हमें यह समझने का अवसर दिया कि कैसे समय के साथ तकनीकी बदलावों ने हमारे जीवन को सशक्त किया, लेकिन इनमें से प्रत्येक वस्तु की अपनी एक विशेष महत्ता और जगह है। महोत्सव में इन पुरानी चीजों ने हमें हमारे अतीत से जोड़ते हुए, समय के साथ हमारी यात्रा और विकास की महिमा का अहसास कराया।

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