ढोल-नगाड़ों, बीन-बांसुरी पारम्परिक वाद्य यंत्रों से गुंजायमान हुआ ब्रहमसरोवर का तट

हरियाणा की धर्म नगरी, कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर पर 15 दिसंबर 2024 तक चलने वाला अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ढोल-नगाड़ों, बीन-बांसुरी और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों से गूंज उठा है। यह महोत्सव न केवल सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बन रहा है, बल्कि हर एक प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही है।

देश के विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया है, और उनकी मनमोहक अदाओं ने पर्यटकों का दिल जीत लिया है। हर कलाकार ने अपनी कला के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया है, जो महोत्सव को और भी विशेष बना रहा है।

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